tag:blogger.com,1999:blog-5314673316124728276.post339905283286176970..comments2012-10-18T00:21:49.840+05:30Comments on नव प्रवाह: रामदेव बौरा गया है...आलोक साहिलhttp://www.blogger.com/profile/16425414029633028503noreply@blogger.comBlogger4125tag:blogger.com,1999:blog-5314673316124728276.post-67140619778155541622010-04-14T20:08:17.884+05:302010-04-14T20:08:17.884+05:30आलोक जी आप नाहक राम देव जी को कह रहे हैं ..
बौराए ...आलोक जी आप नाहक राम देव जी को कह रहे हैं ..<br />बौराए राम देव नहीं बल्कि हम हैं ...<br />आज भी वही आस्था ...वही अन्धविश्वाश ...आज हम वैज्ञानिक दौर में हैं ..<br />अगर हम अपनी धार्मिक पुस्तकों का अनुसरण नहीं कर पा रहे तो ..हम भला कहाँ विज्ञानं कि कसौटी पे परख रहे हैं ...अतः मैं इस से सहमत नहीं कि रामदेव जी बौरा गए हैं ....बौराएँ तो हम हैं जो अभी भी भेडचाल से बहार नहीं निकलना चाहते ...Husain Mohammadhttps://www.blogger.com/profile/15142117840270797160noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5314673316124728276.post-82790408676894895892010-04-01T12:14:09.886+05:302010-04-01T12:14:09.886+05:30सबसे बड़ी बात यह कि मैं हमेशा मानता था कि रामदे की...सबसे बड़ी बात यह कि मैं हमेशा मानता था कि रामदे की एक अलग कैटेगरी है...यह भी जानकता था कि बाकी बाबाओं से बिल्कुल जुदा और प्रभावशाली...पर राखी सावंत और अमरसिंह वाली कैटेगरी में देखकर अच्छा भी लगा, थोड़ा बुरा भी बुरा इसलिए कि बाबा रामदेव की योग का बाजारीकरण कर रहे हैं, जो आज किसी भी बिजनेस या यहां तक कि वस्तु को जिंदा रखने के लिए बेहद जरूरी है...पर राखी सावंत के कैरेक्टर में एक तरह की घिन और चन्दन कुमारhttps://www.blogger.com/profile/10262314277358804438noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5314673316124728276.post-59107989023604006392010-04-01T06:31:41.236+05:302010-04-01T06:31:41.236+05:30niceniceRandhir Singh Sumanhttps://www.blogger.com/profile/18317857556673064706noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5314673316124728276.post-77786303127901583482010-04-01T04:33:44.400+05:302010-04-01T04:33:44.400+05:30अजीब सवाल है, समझ नहीं आता कि इसका क्या जवाब दिया ...अजीब सवाल है, समझ नहीं आता कि इसका क्या जवाब दिया जाए...एक तरफ हैं लालू यादव, जो हमेशा ही उसी मनोदशा में रहते हैं...और दूसरी तरफ रामदेव, जिनके बारे में समझ ही आता कि कब वह इस मनोदशा से उबरे हैं...सवाल थोड़ा असमंजश वाला है...Unknownhttps://www.blogger.com/profile/01973770242313902664noreply@blogger.com