कल रात १२ बजे करीब मेरा मोबाईल एकाएक घनघना उठा,मैं कुछ काम कर रहा था,खैर,देखा एक मैसेज आया था.भेजने वाला एक ऐसा लड़का था जो मेरे छोटे भाई की तरह है.मैं उसे एक बच्चे की तरह ही मानता और समझता रहा हूँ,जो शरीर से तो बड़ा है पर उसकी सोच बच्चों वाली है.मैंने मैसेज पढ़ा,चौंक गया.अरे,ये क्या मैसेज भेजा है इसने?इतना बड़ा हो गया है अंशु?....... मैसेज था- "where is raj thackaray n his 'brave' sena?tel him dat 200 NSG commondos 4m Delhi(no marathi manoos! all south &north indians) hv been sent 2 mumbai to fite t terrorists so dat he can sleep peacefully..pls fwd ths so tht it finally reaches t coward bully!tel him nt 2 destroy my country's sovergnity...." (कहाँ है राज ठाकरे और उसकी 'बहादुर'सेना ? उनसे कह दीजिये कि दिल्ली से २०० एनएसजी कमांडो आतंकियों से लड़ने मुम्बई भेजे गए हैं ताकि वह चैन की नींद सो सके... कृपया इस संदेश को फारवर्ड करें ताकि यह अंततः उस (राज ठाकरे)नपुंसक! के पास पहुँच जाए.उनसे कह दीजिये कि मेरे देश की संप्रभुता और अखंडता को नष्ट न करे....) मैं हतप्रभ था मैसेज पढ़कर,नहीं की किसी ने बहुत बड़ी बात की थी,पर की,इस घटना को एक बच्चा भी इस रूप में देख सकता है. महाराष्ट्र में उत्तर भारतियों पर हमले और मुम्बई में हुई आतंकी घटना,दोनों दो बिल्कुल अलग बातें हैं.किसी भी रूप में दोनों की तुलना नहीं की जा सकती (शिवाय इसके की दोनों ही घटनाएं सरकार और प्रशासन नामक संस्था को आइना दिखाती हैं),पर आम जनता कैसे इन दोनों घटनाओं में सम्बन्ध स्थापित कर नई बातें और नई सीख पैदा कर लेती है,विस्मयकारी है. दुखद है तथाकथित हमारे नेता आम जनता की श्रेणी में नहीं आते,वरना शायद इस संदेश की जरुरत ही नहीं पड़ती.
आलोक सिंह "साहिल"
रंग चैत्र महीने के
2 वर्ष पहले